संसद के मकर द्वार पर धरना: चंद्रशेखर
आज़ाद संसद भवन के मकर द्वार की सीढ़ियों और जमीन पर बैठकर धरने पर बैठ गए। उन्होंने हाथों में एक तख्ती (प्लेकार्ड) ले रखी थी जिस पर लिखा था— “जहरीली हवा है, सरकार लापता है”सरकार पर निशाना: उन्होंने दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों की कार्यशैली पर सवाल उठाए। आज़ाद ने कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक AQI 450-500 के पार पहुँच गया है, लेकिन सरकारें ठोस कदम उठाने के बजाय केवल झूठे वादे कर रही हैं दिल्ली सरकार की आलोचना: उन्होंने विशेष रूप से दिल्ली के मंत्री के उस बयान पर निशाना साधा जिसमें प्रदूषण न रोक पाने की बात कही गई थी। उन्होंने सवाल किया कि यदि सरकार प्रदूषण नहीं रोक सकती, तो वह सत्ता में क्यों है संसद में स्थगन प्रस्ताव: उन्होंने बताया कि संसद के अंदर भी प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया है।
भगत सिंह का उद्धरण: अपने प्रदर्शन के दौरान उन्होंने शहीद भगत सिंह की बात दोहराते हुए कहा कि “बहरों को सुनाने के लिए धमाकों की जरूरत पड़ती है,” और इसी उद्देश्य से वे जनता की आवाज उठाने के लिए जमीन पर बैठे हैं।


संसद के मकर द्वार पर धरना: चंद्रशेखर








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