राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूरे,डिबाई थाने में पुलिसकर्मियों ने सुनी प्रधानमंत्री मोदी की बातें ;

बुलंदशहर : आज एक विशेष दिन है और वह विशेष दिन पर प्रधानम्नत्री मोदी ने देश को सम्बोधित किया,और उत्तर प्रदेश के शासन सहित प्रशासन ने उनकी बात को गौर से सुना,जिसमे उनका आज का कार्य्रकम बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर थानों के साथ अन्य कई सरकारी कार्यलयो पर उनकी बातो को ध्यान पूर्वक सुना गया
क्या थी मुख्य बातें ?


अपने विस्तृत संबोधन में पीएम मोदी ने कहा:
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“‘वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह एक मंत्र, एक ऊर्जा, एक सपना, एक संकल्प है। यह शब्द मां भारती की साधना और आराधना है। ये हमें इतिहास की गहराइयों में ले जाता है, हमारे वर्तमान को आत्मविश्वास से भरता है और हमारे भविष्य को हौसला देता है कि कोई भी संकल्प अधूरा नहीं रह सकता, कोई भी लक्ष्य भारतवासियों के लिए असम्भव नहीं।”

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“वंदे मातरम स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा था। हर क्रांतिकारी ने इसी से आवाज़ पाई। गुलामी के अंधेरे में यह गीत मुक्ति का मंत्र बना, और आज भी यह जन-जन में वही जोश भरता है।”
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“बंकिमचंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के दिन इस अमर रचना का सृजन किया था, जो पहली बार उनके उपन्यास आनंदमठ में प्रकाशित हुई थी।”
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“यह उत्सव आने वाले एक वर्ष तक चलाया जाएगा, जो देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बनेगा।”

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“आज वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर हम 140 करोड़ भारतीय सभी ज्ञात-अज्ञात और अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने ‘वंदे मातरम’ कहते हुए देश पर अपने प्राण न्योछावर कर दिए।”
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“मां भारती सिर्फ हमारे लिए एक ज़मीन नहीं, बल्कि एक आराध्या है, एक शक्ति है। यही विचार हमें आज अमृतकाल में आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करता है।
बुलंदशहर के डिबाई थाने में भी इस्न्पेक्टर रवि रतन सिंह के साथ थाने में कार्यरत पुलिस कर्मियों ने भी प्रधानमंत्री मोदी की बातो को सुना और एक नया सन्देश राष्ट्रीय गीत के सम्मान में दिया गया.








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