बुलंदशहर में वाहन मालिक ने सड़क हादसे के बाद जब्त वाहन को कोर्ट से छुड़ाने के लिए फर्जी बीमा पॉलिसी का इस्तेमाल किया। बीमा कंपनी को पीड़ित पक्ष की ओर से 75 लाख रुपए का क्लेम मिलने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। कोर्ट के आदेश पर देहात पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड जयपुर की अलीगढ़ शाखा के प्रबंधक मोहम्मद कासिम ने न्यायालय के निर्देश पर यह रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण गांधीनगर (गुजरात) से उनकी कंपनी को एक वाद प्राप्त हुआ था।
इसमें रमिलावेन धनश्यामबाई पुरविया आदि ने ‘छोटा हाथी’ वाहन के मालिक जीवन सिंह के खिलाफ 75 लाख रुपये और 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज का दावा किया था। यह मामला कोतवाली देहात क्षेत्र में वर्ष 2024 में हुए एक सड़क हादसे से संबंधित है।
जांच में सामने आया कि आरोपी वाहन मालिक जीवन सिंह ने जब्त वाहन को कोर्ट से मुक्त कराने के लिए फर्जी बीमा पॉलिसी तैयार की। वाहन को रिलीज कराने के लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र, फिटनेस, चालक लाइसेंस और बीमा पॉलिसी जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। जीवन सिंह ने 10 सितंबर 2021 से 9 सितंबर 2022 तक की अवधि के लिए अपने नाम से एक फर्जी बीमा पॉलिसी कोर्ट में प्रस्तुत कर वाहन को छुड़ा लिया।
बीमा कंपनी को जब इस धोखाधड़ी का पता चला, तो उन्होंने देहात कोतवाल और अन्य पुलिस अधिकारियों को शिकायत पत्र दिया। हालांकि, कोई कार्रवाई न होने पर कंपनी को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।
देहात पुलिस ने अब आरोपी जीवन सिंह के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, बीमा कंपनी को आर्थिक क्षति पहुंचाने और न्यायालय से वाहन छुड़ाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। देहात कोतवाली प्रभारी ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।








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