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विश्व हिंदू परिषद का मनाया गया 61वाँ स्थापना दिवस 

विश्व हिन्दू परिषद का 61वां स्थापना दिवस बुलंदशहर में धूमधाम से मनाया गया

बुलंदशहर। विश्व हिन्दू परिषद् (VHP) की स्थापना को 61 वर्ष पूर्ण होने पर बुधवार को बुलंदशहर के कस्बे डिबाई मेंविश्व हिंदू परिषद,परिषद् कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी, कार्यकर्ता, समाजसेवी और अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। पूरे दिन शहर में उत्साह का माहौल रहा और स्थापना दिवस को सेवा, संस्कार और संगठन के संकल्पों के साथ मनाया गया।

स्थापना दिवस का आयोजन

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातःकाल मंदिर प्रांगण में हवन एवं पूजन से हुआ। परिषद के ध्वज को सलामी दी गई और कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में “विश्व हिन्दू परिषद अमर रहे” के नारों के साथ स्थापना दिवस का स्वागत किया। मंच पर सजावट भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत कर रही थी, जहाँ भगवा ध्वज, दीपक और पुष्पों से वातावरण को पवित्र बनाया गया था।

सभा का संचालन जिला मंत्री ने किया जबकि मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय संगठन मंत्री उपस्थित रहे। मंच पर बैठे वरिष्ठजनों ने परिषद् की यात्रा और समाज के प्रति समर्पण पर प्रकाश डाला।

वक्ताओं के उद्बोधन

कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि परिषद् ने स्थापना के समय से ही समाज को संगठित करने और सनातन संस्कृति की रक्षा करने का लक्ष्य अपनाया है। आज 61 वर्ष पूरे होने पर यह संगठन न केवल देश बल्कि विश्व के कई हिस्सों में सक्रिय है।

एक वरिष्ठ वक्ता ने कहा, “विश्व हिन्दू परिषद केवल एक संगठन नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है। इसका उद्देश्य समाज को एक सूत्र में बांधना और धर्म, संस्कृति तथा परंपराओं की रक्षा करना है। स्थापना दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि हम सबका कर्तव्य है कि सनातन धर्म की ध्वजा को ऊँचा रखें।”

इतिहास पर चर्चा

स्थापना दिवस पर वक्ताओं ने परिषद के इतिहास पर भी विस्तृत चर्चा की। बताया गया कि 1964 में मुंबई में परिषद् की स्थापना हुई थी। डॉ. एस. एस. आप्टे और श्री एम. एस. गोलवलकर सहित अनेक विद्वानों ने इस संगठन को प्रारंभ करने में भूमिका निभाई। उस समय उद्देश्य यह था कि पूरे विश्व में फैले हिन्दू समाज को एक मंच पर लाकर, सांस्कृतिक और धार्मिक एकता स्थापित की जाए।

पिछले छह दशकों में परिषद ने गौसंरक्षण, रामजन्मभूमि आंदोलन, धार्मिक शिक्षा, सेवा प्रकल्पों और सामाजिक जागरण जैसे अनेक कार्यों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।

स्थानीय स्तर पर गतिविधियाँ

बुलंदशहर इकाई के पदाधिकारियों ने स्थापना दिवस के अवसर पर जिले में चल रहे सेवा कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि परिषद ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा सहयोग, स्वास्थ्य शिविर और संस्कार केंद्र चलाने का कार्य किया है। इसके अतिरिक्त गौशालाओं का संचालन और मंदिरों के संरक्षण का कार्य भी जारी है।

सभा में यह भी घोषणा की गई कि आने वाले वर्ष में जिले के 20 से अधिक गाँवों में संस्कार केंद्र खोले जाएँगे, जहाँ बच्चों को भारतीय संस्कृति और परंपराओं की शिक्षा दी जाएगी।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी हुईं। बच्चों ने देशभक्ति गीत गाए और संस्कृत श्लोकों का वाचन किया। नन्हें कार्यकर्ताओं ने नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से हिन्दू समाज की गौरवशाली परंपराओं का चित्रण किया। दर्शकों ने इन प्रस्तुतियों की सराहना की और बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

भविष्य की योजनाएँ

सभा में परिषद की आगामी योजनाओं की भी घोषणा की गई। इसमें गरीब परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजना, अस्पतालों में सेवा कार्य, प्राकृतिक आपदा के समय राहत कार्य, और धार्मिक स्थलों पर साफ-सफाई अभियान शामिल हैं।

पदाधिकारियों ने कहा कि परिषद आने वाले समय में समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और युवाओं को नशामुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाएगी।

स्थापना दिवस का सामाजिक महत्व

वक्ताओं ने कहा कि स्थापना दिवस केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह समाज को जागरूक करने का अवसर है। परिषद् ने हमेशा यह प्रयास किया है कि समाज में एकता बनी रहे और लोग सेवा कार्यों से जुड़कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।

सभा में मौजूद नागरिकों ने भी परिषद के कार्यों की प्रशंसा की और इसे समाज के लिए प्रेरणादायी बताया। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “हमें गर्व है कि हमारे शहर में परिषद का इतना सक्रिय संगठन कार्य कर रहा है। इसके माध्यम से हमें अपनी संस्कृति से जुड़ने और समाज सेवा का अवसर मिलता है।”

निष्कर्ष

बुलंदशहर में मनाया गया विश्व हिन्दू परिषद का 61वां स्थापना दिवस पूर्णतः सफल और ऐतिहासिक रहा। पूरे दिन शहर में परिषद् कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने लायक था। कार्यक्रम ने न केवल अतीत की उपलब्धियों की याद दिलाई, बल्कि भविष्य की दिशा भी तय की।

स्थापना दिवस के इस अवसर पर परिषद ने समाज सेवा, सांस्कृतिक संरक्षण और राष्ट्रीय एकता के प्रति अपने संकल्प को दोहराया और आने वाले वर्षों में और अधिक समर्पण के साथ कार्य करने का वचन दिया।

विश्व हिंदू परिषद का मनाया गया 61वाँ स्थापना दिवस

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