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बुलंदशहर की डिबाई कोतवाली परिसर में खुला मिशन शक्ति केंद्र :

बुलंदशहर की डिबाई कोतवाली परिसर में खुला मिशन शक्ति केंद्र :

उत्तर प्रदेश के थानों में खोले जा रहे मिशन शक्ति केंद्रों का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है और थानों में आने वाली महिला संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध कराना है.

बुलंदशहर के कई थानों में मिशन शक्ति केंद्र योजना के तहत डिबाई थाने में भी इसका शुभारंभ हो चुका है,अब महिलाओं द्वारा की जाने वाली शिकायत को मिशन शक्ति केंद्र पर अंकित कर त्वरित कार्रवाई की जाएगी,इससे महिलाओं को यह शक्ति मिल जाएगी कि अब उन्हें न्याय के लिए कहीं और नहीं जाना पड़ेगा,मिशन शक्ति केंद्र पर अब उनकी समस्या को मुख्य रूप दिया जाएगा,मिशन शक्ति को लेकर नगर डिबाई की पुलिस  थाना प्रभारी  रवि रतन सिंह की अगुवाई में स्कूल,कॉलेज,जा जाकर छात्रों में व महिलाओं में इस योजना के बारे में जागरूक कर रही है,वहीं यह भी बता रही है कि यदि कोई मनचला या कू दृष्टि रखने वाला व्यक्ति किसी भी प्रकार से हानि पहुंचाता है तो वह मिशन शक्ति केंद्र थाने पर आकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं जिससे दोषी पर कार्रवाई तेजी से की जा सके

मिशन शक्ति केंद्रों का उद्देश्य

– यह केंद्र महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करते हैं, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहयोग करते हैं और समाज में महिलाओं की सक्रिय, सुरक्षित और सम्मानपूर्वक भागीदारी सुनिश्चित करते हैं[3][2][4]।
– केंद्रों का मकसद है कि पुलिस थानों में आने वाली महिला शिकायतों को प्राथमिकता दी जाए और त्वरित व प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए[1][5][2]।

### इनके लिए क्यों खोले जा रहे हैं

– थानों में खोले गए मिशन शक्ति केंद्रों से महिलाओं को अपनी समस्याएं दर्ज कराने के लिए कहीं और भटकने की आवश्यकता नहीं है; यह केंद्र एक समर्पित काउंटर के रूप में कार्य करेंगे[1][5]।

– यहां महिला उपनिरीक्षक समेत महिला कर्मियों की एक टीम तैनात की जाएगी, जिससे महिलाएं अपनी शिकायतें बिना झिझक दर्ज करा सकें और जरूरतमंद महिलाओं को तुरंत सुरक्षा, सहायता और सलाह भी मिल सके[1][3][5]।

– मिशन शक्ति केंद्रों में हेल्पलाइन नंबरों (जैसे 1090, 112) की जानकारी दी जाएगी और जागरूकता गतिविधियां भी समय-समय पर आयोजित होंगी, जिससे महिलाओं में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़े[6][4][3]।

समाचार के प्रमुख बिंदु

– राज्य के 1,600 से अधिक थानों में मिशन शक्ति केंद्र खोले गए हैं, जिससे प्रत्येक जिले और पुलिस स्टेशन स्तर पर महिलाओं को विशेष सहायता दी जा सके.

– केंद्रों का उद्देश्य महिला अपराध के मामलों का त्वरित समाधान, संवेदनशीलता से सुनवाई और कानून के अनुसार कार्रवाई करना है.

– यह पहल ‘नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन’ को मजबूत करने का प्रयास है, जिसे सरकार ने सामाजिक आंदोलन के रूप में भी प्रचारित किया है.

इन केंद्रों में महिलाओं की सहायता कैसे दी जाती है

मिशन शक्ति केंद्रों में महिलाओं को सहायता देने के लिए कई तरह की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं—जैसे शिकायत दर्ज करना, काउंसलिंग, कानूनी सहयोग, संरक्षण और आपातकालीन सहायता.

### सहायता देने के तरीके

– महिलाओं की शिकायतों को गोपनीय माहौल में दर्ज किया जाता है ताकि पीड़ित महिला अपनी बात बिना डर या संकोच के कह सके[1][2]।
– trained महिला पुलिसकर्मी और परामर्शदाता वहाँ रहते हैं, जो घरेलू हिंसा, उत्पीड़न, छेड़छाड़ और अन्य अपराधों की शिकार महिलाओं को मानसिक और कानूनी परामर्श देते हैं.

– केंद्रों में महिलाओं को हेल्पलाइन नंबर (जैसे 1090, 181, 112) की जानकारी दी जाती है; इन नंबरों पर कॉल करके तत्काल सहायता प्राप्त की जा सकती है.

– यदि आवश्यक हो तो महिला को संप्रेषण, एडवोकेसी और अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी व मार्गदर्शन मिलता है[1][5]।

– जागरूकता और प्रशिक्षण गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, ताकि महिलाएं अपने अधिकारों, कानूनी मदद और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक रहें.

### विशेष सुविधाएँ

– वन स्पॉट सपोर्ट सिस्टम: एक ही स्थान पर शिकायत पंजीकरण, काउंसलिंग, लीगल एड, फीडबैक और फॉलो-अप जैसी सभी सेवाएँ मिलती हैं[1][6]।

– 24×7 सहायता उपलब्ध: पिंक बूथ, महिला हेल्पलाइन, डिजिटल सहायता और त्वरित जांच टीम जैसी व्यवस्था रहती है[5][6][4]।
– केंद्रों को तकनीक और संसाधनों से जोड़ा गया है, जिससे अंतिम न्याय तक महिलाओं को सहयोग मिलता है[1][6]।

मिशन शक्ति केंद्र महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करते हुए, उन्हें हर प्रकार की मदद उपलब्ध करवाने का एक सक्षम प्लेटफॉर्म हैं[1][2][6]।

 

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