भारत में हर वर्ष कोई न कोई नया चक्रवात मूसलाधार बारिश,और तेज़ हवाओं के साथ आता रहता है,जिससे समुद्री तट पर बसे नगरों व शहरों की मुसीबत बढ़ जाती है,सरकार को ध्यान रखना पड़ता है कि कहीं कोई भी जान माल कि हानि न हो,लेकिन प्राकृतिक आपदा के सामने कितना भी बंदोबस्त कर लिया जाए फिर भी वह कुछ कुछ नुकसान तो पहुंचा ही जाता है,जिसमें जान की हानि,माल कि हानि,बिल्डिंग को नुकसान,पेड़ पौधों का टूटना शामिल है,विगत पिछले वर्ष भी भारत में विपरजॉय नामक तूफान ने दस्तक दी थी,अब देखना ये है कि अब जो दाना नामक चक्रवात आ रहा है,यह कितना खतरनाक सिद्ध होता है क्योंकि अनुमान है कि यह काफी खतरनाक रूप धारण कर चुका है,और अगर इसका रूप यही बना रहा तो और भी विकराल हो सकता है |
वैज्ञानिकों का क्या है अनुमान ?
चक्रवाती तूफान दाना अपना असर दिखाने लगा है,पश्चिम बंगाल से लेकर ओडिशा तक साइक्लोन दाना रौद्र रूप ले चुका है,आज इसका लैंडफाल होगा.पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई इलाकों में भारी बारिश भी हो रही है और साथ ही तेज हवाएं भी चल रही हैं,दरअसल गंभीर चक्रवाती तूफान ‘डाना’ ओडिशा और बंगाल के तट के करीब पहुंच रहा है.इसका असर पड़ोसी राज्य बिहार और झारखंड में भी देखा जा रहा है,अगर बात करें मौसम वैज्ञानिकों की तो चक्रवाती तूफान के शुक्रवार को ओडिशा में भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा बंदरगाह के बीच दस्तक देने की आशंका है,इस दौरान हवा की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक हो सकती है.
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवाती तूफान “दाना” पिछले 12 घंटे के दौरान 12 किमी की रफ्तार से उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है,यह सुबह साढ़े पांच बजे पारादीप ( ओडिशा) से लगभग 260 किमी दक्षिणपूर्व और सागर द्वीप ( पश्चिम बंगाल) से 350 किमी दक्षिण में रहा.मौसम विभाग ने लेटेस्ट बुलेटिन में बताया कि चक्रवाती तूफान 24 अक्टूबर की मध्य रात्रि से 25 अक्टूबर की सुबह तक पूरी और सागर द्वीप के बीच उतरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट को पार करने की संभावना है.इस दौरान हवा की रफ्तार 100 से 120 किमी प्रति घंटे की हो सकती है .
क्या बरतें सावधानी,सरकार कैसे रख रही है नजर ?
मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है,जिसमें समुद्री तट पर मछुआरों को न जाने की सलाह दी है,साथ ही जो समुद्री तट पर रहते हैं उन्हें उस जगह से स्थानांतरित कर सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है,जिससे कोई भी क्षति किसी भी प्रकार की हानि किसी को न हो,वहीं चक्रवात को लेकर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक लेकर उन्हें दिशानिर्देशित किया गया है कि इससे प्रभावित सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए और कोई भी जान माल कि हानि न हो.इस तूफान से बिहार और झारखंड में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है ऐसा मौसम वैज्ञानिक बता रहे हैं .