बोर्डर के पास बने मदरसे बंद करा रहा पाकिस्तान !
पहलगाम आतंकी हमला
विगत बीते महीने को 22 तारीख भारत के लिए काली तारीख बनकर आई,जिसमें जम्मू कश्मीर के पहलगाम में घुसे आतंकियों ने निहत्थे पर्यटकों पर धुआंधार गोली बरसाई,और एक नेपाल के व्यक्ति सहित इस आतंकी हमले में 28 निर्दोष लोगों की मौत हो गई,इसके बाद भारत- पाकिस्तान दोनों ही देशों में तनाव की स्थिति है,इस घटना के बाद भारत सरकार ने कई कड़े फैसले लिए हैं,जिसमें पाकिस्तान को जाने वाला पानी भी बंद कर दिया गया है,पानी बंद करने पर पाकिस्तान ने भी शिमला समझौता निरस्त करने की प्लानिंग कर ली है,हालत ऐसे बन चुके हैं कि दोनों ही देश युद्ध की तैयारी कर रहे हैं,भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी तीनों सेनाओं को खुली छुट दे दी है,मोदी ने कहा है कि समय और टारगेट सेना तय करे उन्हें पूरी छूट है |जब से सेना को छूट मिली है तो भारत में भी युद्धाभ्यास होने लगा है,और आतंकियों की भी तलाश जारी है,देखना यह हैं कि घटना को लगभग 15 दिन होने वाले लेकिन अभी तक घटना की सच्चाई सामने नहीं आ रही है,न ही कोई आतंकी अभी तक सेना के हत्थे चढ़ा है.लेकिन भारतीय सेना अपना पूरा जोर लगा रही है और कई वीडियो ऐसे भी निकलकर आए हैं,जिसमें वे जहां जहां आतंकी का आवास था उसको ध्वस्त कर रहीं है.
भारत पाकिस्तान में खूब बढ़ चुका है तनाव :
जब से यह घटना हुई तब से भारत पाकिस्तान के बीच भारी तनाव है, भारत की एलओसी सीमा के पास पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में गुरुवार को एक सरकारी आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने अपनी निगरानी में धार्मिक मदरसों के बंद कर दिया.जबकि क्षेत्र के 1000 से ज्यादा मदरसे 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गए हैं.लेकिन यहां पर स्कूल,कॉलेज और यूनिवर्सिटी खुली हुई हैं,स्थानीय प्रशासन नियंत्रण रेखा या एलओसी के नजदीक इलाकों में मदरसों को बंद करने पर निगरानी रखे हुए हैं.सरकारी पत्र में न केवल मदरसों को बंद किया गया है बल्कि पर्यटकों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है,इस समय POK में लोगों को हथियार चलाने आत्मरक्षा,और प्राथमिक चिकित्सा का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है.अधिकारियों के मुताबिक मुज्जफराबाद शहर में एक आपातकालीन कोष भी स्थापित किया गया है,जबकि नियंत्रण रेखा के पास के गांवों में दो महीने का भोजन,पानी और चिकित्सा सामग्री भी भेजी गई है.
क्या कह रहे हैं पाकिस्तान के अधिकारी ?
मुज्जफराबाद के इलाके में रेड क्रिसेंट की प्रमुख गुलज़ार फातिमा ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि जैसे ही क्षेत्र में तनाव देखा गया,प्राथमिक चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों और अन्य कर्मचारियों को क्षेत्र में तैनात कर दिया गया है,उन्होंने बताया कि भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई की स्थिति में नियंत्रण रेखा आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों के पलायन की आशंका है,इसलिए उनका संगठन कम से कम 500 लोगों के लिए राहत शिविर तैयार कर रहा है.








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