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फौजी नहीं बन पाया तो माँ गंगा को कर दिया जीवन समर्पित गंगा स्वच्छता की जगाते हैं अलख

  • फौजी नहीं बन पाया तो माँ गंगा को कर दिया जीवन समर्पित गंगा स्वच्छता की जगाते हैं अलख

 

डिबाई, क्षेत्र के कर्णवास गंगा तट की पावन धरा पर एक ऐसा “गंगा पुत्र” प्रतिदिन सेवा का दीप प्रज्वलित कर रहा है, जिसने अपना संपूर्ण जीवन माँ गंगा की स्वच्छता और सेवा को समर्पित कर दिया है। गंगा तट पर सेवाभाव की मिसाल बन चुके सोनू कुमार आज स्थानीय लोगों के बीच “गंगा पुत्र” के नाम से पहचाने जाते हैं। बचपन से ही भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का सपना देखने वाले सोनू कुमार फौज में शामिल नहीं हो सके, लेकिन देशसेवा का जज़्बा उनके दिल से कभी कम नहीं हुआ। इसी जज़्बे को उन्होंने माँ गंगा की सेवा के रूप में नया रूप दिया और आज कई वर्षों से कर्णवास घाट पर स्वेच्छा से स्वच्छता अभियान का दीप जलाए हुए हैं। और श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण प्रदान करते हैं।

हर सुबह गंगा किनारे पहुँचकर सफाई करना, आसपास फैली गंदगी को एकत्रित कर घाट को स्वच्छ रखना और श्रद्धालुओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना—सोनू का यह निस्वार्थ कार्य निरंतर जारी है। आश्चर्य की बात यह है कि उन्हें न ही सेल्फी लेने का शौक है, न किसी आर्थिक लाभ की इच्छा और न ही पद-प्रतिष्ठा की लालसा। उनका एकमात्र उद्देश्य है—माँ गंगा की पवित्र धारा की सेवा और उसकी रक्षा।

स्थानीय लोग बताते हैं कि जब भी कोई श्रद्धालु कर्णवास में गंगा स्नान करने आता है, उसे गंगा तट पर सफाई करते हुए यह युवा गंगा सेवक अवश्य दिखाई दे जाता है। गंगा के प्रति उनकी भक्ति और समर्पण को देखते हुए लोग उन्हें सच्चा सेवक और प्रेरणा का स्रोत मानते हैं।

उनकी निष्ठा, समर्पण और गंगा तट की स्वच्छता के प्रति अटूट लगन आज युवाओं के लिए एक उदाहरण बन चुकी है।

“जहाँ ऐसे सेवक हों, वहाँ गंगा की पवित्रता और आस्था सदा अमर रहती है

न्यूज रिपोर्ट पंकज बघेल

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