पति आवारा है,कंडोम ही सहारा है

बिहार : भारत में कुछ शब्द ऐसे हैं जिन्हें बोले जाने पर कहीं भी कभी बबाल हो सकता है,यहां तक कि अपनी यौन सुरक्षा के लिए भी व्यक्ति वो बात नहीं कर पाता जिसे सामान्यतः कर लेनी चाहिए,यौन समस्याएं व्यक्ति में उत्पन्न भयंकर बीमारियां को निरूपित करती हैं,आज के युग में या प्राचीन भारत की संस्कृति में काम को अलग रूप से दिखाया गया है,जिसके देवता भी कामदेव को को माना गया है ,बहरहाल ये कुछ अलग तथ्य हैं लेकिन यहां कहने का अर्थ है कि सेक्स और सेक्स से जुड़े शब्दों को बोलने में नहीं हिचकिचाएं हो सकता है कि आप जिस से हिचकिचा रहे हों वो आपके लिए बड़ी मुसीबत बना जाए ये बात आज इसलिए सामने आई है कि बिहार के समस्तीपुर में विश्व एड्स दिवस पर एक जागरूकता अभियान चलाया गया जिसमें अगर पति आवारा है तो कंडोम ही सहारा है के नारे जोरदार तरीके से नर्सिंग की छात्राओं ने लगाए,

विश्व एड्स दिवस पर बिहार में चलाया गया अभियान
बिहार के समस्तीपुर में विश्व एड्स दिवस के मौके पर सोमवार को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगह जगह सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से जागरूकता रैली का आयोजन किया गया गया। जिसमें HIV टेस्ट कराने की सलाह,एड्स जानलेवा नहीं होता,समय पर जानकारी मिलने पर इससे बचा जा सकता है जैसी चीजों की लिखावट वाली तख्तियां पकड़कर छात्राओं एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाई ,इस जागरूकता रैली में बड़ी संख्या में शिक्षकों,छात्रों,नागरिकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया,
बोल्ड नारे जोरदार संदेश के साथ गूंजा समस्तीपुर
समस्तीपुर में आयोजित इस रैली का मुख्य आकर्षण का केंद्र वो नारे थे जिनसे समाज पर सीधा प्रहार हो रहा था जिसमें सभी मुख्य नारा था “अगर पति आवारा हो तो कंडोम ही सहारा हो ” इसमें आवारा पति को इसलिए बोला गया है कि कहीं वह अनेकों यौन संबंध तो नहीं बना रहा अगर ऐसा है तो आप उससे बचने के लिए कंडोम का प्रयोग करें.एक और नारा जिसने अपनी ओर लोगों का ध्यान केंद्रित किया उसमें परदेस नहीं जाना बलम जी,एड्स न लाना बलम जी नारा प्रवासी श्रमिकों को जागरूक करता है. छात्राओं की इस पहल से बिहार में एक नई बहस छिड़ चुकी है,और देखना होगा कि अब लोगों में कंडोम,सेक्स, यौन सुरक्षा के प्रति कितनी जागरूकता आती है.








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