कर्णवास में की कोख छलनी कर रहे बालू खनन माफिया

बुलंदशहर डिबाई – क्षेत्र के कर्णवास में गंगा नदी के किनारों पर अवैध बालू खनन का खेल तेज़ी से जारी है। प्रशासन की नाक के नीचे दिन-रात चल रहे इस धंधे ने गंगा की गोद को

खोखला कर दिया है। रेत माफिया ट्रैक्टर-ट्रॉली और वैल गाड़ी बुग्गी से बेखौफ होकर रेत निकाल रहे हैं। और दुःख की बात तो यह है कि ज्यादा वजन भरकर पशुओं पर खिंचवाने लगते हैं पशु अगर ना खिंचे तो उसको गुस्से में बेरहमी से पीट पीट कर उसको बेहोश कर देते हैं बालू खनन- श्री कल्याणी देवी गंगा घाट के पास हो रहा है भरने वाले गाँव के अलग अलग मार्गो से लेकर जाते हैं वाहनों का रात्रि में 12:बजे से ही, आवागमन शुरू हो जाता है
गंगा तटवर्ती इलाक़ों में तेज़ी से हो रहे खनन के कारण नदी का स्वरूप बिगड़ रहा है। जलस्तर गिरने के साथ-साथ तटों का कटान भी तेज़ हो गया है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद प्रशासनिक कार्रवाई केवल कागज़ों तक सीमित है।
“रात के अंधेरे में (बैलगाड़ी, बुग्गी) ट्रैक्टरों की कतार लगती है, पुलिस के सामने से रेत के वाहन गुजरते हैं, लेकिन किसी को डर नहीं,” पर्यावरण विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर अवैध खनन पर तुरंत रोक नहीं लगी, तो गंगा के प्रवाह और क्षेत्र की भूगर्भीय स्थिति पर गंभीर असर पड़ेगा। प्रशासन का कहना है कि अवैध खनन के खिलाफ़ अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन कर्णवास क्षेत्र में हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। गंगा की कोख से रेत की यह लूट अगर ऐसे ही जारी रही, तो नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है और गंगा किनारे बसा हुआ तीर्थ स्थल कर्णवास खतरे का शिकार बन सकता है। यहाँ दूर-दूर से गंगा स्नान करने हेतु लाखों भक्तों का आवागमन होता है।
संवाददाता — पंकज बघेल, कर्णवास
Pankaj Baghel
Website: http://eksandesh.in







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