भ्रष्टाचार से लिप्त 100 बेड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,जब पहुंचे तो खुल गई पोल :

बुलंदशहर : मामला 100 शैय्या संयुक्त सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का है जहां भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है,एक संदेश व अन्य मीडिया कर्मियों की टीम जब हॉस्पिटल पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया और जब पीड़ितों की बात जानी तो सभी के होश फ़ाख्ते हो गए,जिस प्रकार से हॉस्पिटल में पैसे का लेन देन चल रहा था उससे ऐसा प्रतीत होता है कि हॉस्पिटल में बैठे सरकार द्वारा दी गई धनराशि से अलग हटकर भी कमाई कर रहे हैं,एक कमरा 1200 से 1400 लेकर होती है जांच जब पीड़ित से हुआ डॉक्टर का आमना सामना तो पैसे लेने की मना करते नजर आए.

जब पीड़िता ने बताया कि 12 नंबर कमरे में होती है जांच और निःशुल्क की जगह लिए जाते हैं रुपए !
जब हॉस्पिटल में मीडिया टीम पहुंची तो वहां होती लूटमार से परेशान पीड़ित निकलकर सामने आए जिसमें एक पीड़िता ने अपना दुख बयां करते हुए बताया कि पहले उसने रशीद कटवाई उसके बाद वह आंखों की जांच कराने के लिए 12 नम्बर कमरे में गई उसके बाद उसकी आंख की जांच के बाद डॉक्टर्स ने 1200 से 1400 की मांग की जिसको पीड़िता ने दे दिया,जब टीम 12 नंबर कमरे में डॉक्टर संजीव राघव के पास पहुंची तो उसने पैसे लेने से इंकार कर दिया,लेकिन ठीक इसके तुरंत बाद ही एक बुर्जुग ने डॉक्टर पर पैसा लेने का आरोप लगा दिया फिर क्या था डॉक्टर संजीव राघव की बोलती बंद हो गई और वह न न करते रह गए,हॉस्पिटल में माहौल एक दम बदल चुका था जिस प्रकार से पीड़ित मरीज पैसे लेने का आरोप लगा रहे थे उस हिसाब से लगता है कि यह खेल अभी से नहीं वर्षों से चला आ रहा है,बात यहीं तक नहीं रुकी पीड़ितों ने ऑपरेशन के नाम पर 5 हजार रुपए लेने का आरोप भी आंख के डॉक्टर पर लगाया. जहां नेत्र सर्जन अब्दुल राशिद पहले अलीगढ़ आई केयर सेंटर पर जांच के लिए भेजता है वहां पैसे लिए जाते हैं और फिर रिपोर्ट आने के बाद ऑपरेशन की कहता है जहां मरीजों से पैसे ऑपरेशन के नाम पर ले लिए जाते हैं.

प्राइवेट जांच का भी चलता है तगड़ा खेल :
हॉस्पिटल में पीड़ित मरीजों ने बताया ये भी है कि जांच के नाम पर खूब पैसे तो लिए ही जाते हैं साथ में किसी अन्य जांच के लिए एक प्राइवेट आई केयर सेंटर का नाम लेकर वहां रेफर कर दिया जाता है और रुपए लेकर जांच करवा दी जाती है,समझ ये नहीं आता कि आखिर जांच होती है आखिर किसकी? हॉस्पिटल के ही नजदीक भीमपुर दोराहे पर अलीगढ़ आई केयर सेंटर पर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है,इस आई केयर सेंटर का डॉक्टर्स से और डॉक्टर्स का इस आई केयर सेंटर से किया रिश्ता है कोई नहीं जान पाता और मरीजों से पैसे ले लिए जाते हैं.

जैसे ही लगा डर तो लौटा दिए गए पैसे

पूरे मामले में जैसे जैसे चीजें खुल रही थी तो ऐसा लग रहा था कि पूरा हॉस्पिटल ही भ्रष्टाचार की चपेट में हैं और ऊपर के अधिकारी कुछ कार्य नहीं कर रहे हैं लेकिन जैसे इस बात का पता सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को पता चला तो उन्होंने भी अपनी सफाई दी.पीड़ितों को उनके सामने लाकर उन्हें यह अवगत कराया गया कि आपके हॉस्पिटल में मरीजों के साथ पैसे लेन देन का खेल जा रही है जबकि सुविधा बिल्कुल निःशुल्क है तो मरीजों से पैसे किस बात के लिए जा रहे हैं इस पूरी समस्या को समझकर चिकित्सा अधीक्षक तन्मय कक्कड़ ने पीड़ित मरीजों को समझाया और उन्हें यह सांत्वना दी कि जो भी खेल इस प्रकार का चल रहा है उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी और नोटिस जारी कर दिए जाएंगे,हॉस्पिटल में यदि आप अपना उपचार कराते हैं.तो उसके लिए जो शुल्क निश्चित सरकार द्वारा किया गया है वहीं शुल्क दें इसके अलावा कोई भी शुल्क मांगता है तो उसकी लिखित में शिकायत हमें जरूर दें.








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